Why Choose Us

ओबीसी के सामाजिक और आर्थिक सशक्तिकरण आरक्षण नीति

Our Mission: सामाजिक और शैक्षणिक रूप से पिछड़े वर्गों के संरक्षण, कल्याण एवं विकास तथा उन्नति के संबंध में ऐसे अन्य कार्यों का भी निर्वहन करता है, जिन्हें संसद द्वारा बनाए गए कानून के प्रावधानों के अधीन राष्ट्रपति द्वारा विशेष रूप से उल्लिखित किया गया हो। सामाजिक और शैक्षणिक रूप से पिछड़े वर्गों को संविधान या किसी अन्य कानून के तहत प्रदत्त संरक्षण उपायों के कार्यान्वयन का मूल्यांकन करने हेतु संबंधित सभी मामलों की जाँच एवं निगरानी करता है।
Our Vission: "सामाजिक और शैक्षणिक रूप से पिछड़े वर्गों" की पहचान करने, उनके पिछड़ेपन की स्थितियों को समझने और उनके सामने आने वाली कठिनाइयों को दूर करने के लिये सिफारिशें करने की आवश्यकता से संबंधित है।
What We Do: इसका मुख्य उद्देश्य अन्य पिछड़े वर्गो के लाभ के लिए आर्थिक एवं विकासात्मक कार्यकलापों को प्रोन्नत करना तथा इन वर्गों के निर्धनतम व्यक्तियों को कौशल विकास एवं स्व-रोजगार के लिए सहायता उपलब्ध कराना है। लाभ और सुरक्षा के उद्देश्य से विभिन्न पिछड़े वर्गों के समावेशन और बहिष्करण पर विचार करने तथा जाँच एवं सिफारिश के लिये एक स्थायी निकाय का गठन .
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ओबीसी संयोजन समिति के गठन का मुख्य उद्देश्य

  • 1. देश के उत्यान हेतु अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) को भी एस.सी., एस.टी. की तरह ही ओबीसी सुरक्षा कानून लागू कर सुरक्षा प्रदान किया जाए ।
  • 2. भारत सरकार द्वारा पूर्व प्रावधानित 27% आरक्षण को तत्काल लागू कर ओ.बी.सी. को भी एस.सी., एस.टी., सामान्य वर्ग की तरह ही न्यायपालिका, विधायिका, कार्यपालिका, व्यापार उद्योग, शिक्षा, नौकरी, पदोन्नति सहित सभी निजी एवं सार्वजनिक क्षेत्रों में आबादी के अनुसार प्रतिनिधित्व (हिस्सेदारी) दिया जाए।
  • 3. अनुसूचित जनजाति क्षेत्रों में निवासरत पिछड़े वर्गों के अंतर्गत आने वाली सभी जातियों को पांचवी अनुसूची में शामिल करते हुए पेशा कानून के दायरे में शामिल किया जाए।
  • 4. लैटरल एंट्री (बैंक डोर भर्ती) पर तत्काल रोक लगाई जावे अन्यथा की स्थिति में लैटरल एंट्री में भी ओबीसी वर्ग को जनसंख्या के अनुपात में प्रतिनिधित्व दिया जायें।
  • 5. समिति के प्रस्ताव पर छत्तीसगढ़ राज्य सहित पूरे देश में जातिवार जनगणना कराया जाए।
  • 6. मंडल कमीशन के सभी अनुशंसाओं को लागू करें।
  • 7. क्रीमीलेयर व निजीकरण पर तत्काल रोक लगाई जावे।
  • सत्य ही ओबीसी के गौरवशाली ऐतिहास को बनाए रखने के लिए संघर्ष निरंतर जारी रखना!
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हमारा उदेश्य सामाजिक न्याय की स्थापनाजनजागरण अभियान

ओबीसी संयोजन समिति एक पंजीकृत, गैर-सरकारी और गैर-लाभकारी संगठन है जो समाज के वंचित और हाशिए पर रहने वाले वर्गों की मुक्ति के लिए काम कर रहा है, जिसका विशेष ध्यान ओबीसी अन्य पिछड़ा वर्ग की महिलाओं और बच्चों पर है। संगठन को 10 जनवरी 2020 को ओबीसी (अन्य पिछड़ा वर्ग) संयोजन समिति छत्तीसगढ़ के रूप में पंजीकृत किया गया था। युवा और उत्साही टीम का एक समूह जो सामाजिक कार्यकर्ता हैं और समानता और समता के समग्र विकास के लिए युवा और ग्राम स्तर के सामूहिक आंदोलन का गठन करते हैं। जिनके पास अपने संबंधित क्षेत्र का पुख्ता ज्ञान और अनुभव हो। हमने क्षेत्र में स्वयंसेवकों, सामुदायिक नेताओं और कर्मचारियों की एक मजबूत और समर्पित टीम बनाई है, जो हमारे सामान्य उद्देश्य की प्राप्ति के लिए काम करते हैं। हम भागीदार संगठन, सामाजिक कार्यकर्ताओं और मित्रों के विस्तृत नेटवर्क से भी समर्थन प्राप्त करते हैं।

पंजीयन क्रमांक 122202249757 समिति का पंजीयन क्रमांक
AIBCFINDIA 10SEP1947 समिति की सम्बद्धता
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बाल शिक्षा सहायता

आपके द्वारा दिया गया सहयोग आपके बच्चों के भविष्य के लिए सीढ़ी बनेगा।

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सामाजिक सहायता और वित्तीय दान

लड़कियों की शादी के लिए आर्थिक सहायता भी प्रदान की जाएगी तन, मन, धन, समय एवं समस्त संसाधनों सहित पूर्ण सहयोग अपेक्षित है।

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भरण-पोषण, शिक्षा, चिकित्सा आदि

18 वर्ष आयु तक के ऐसे बच्चे जिनके माता-पिता दोनों अथवा किसी एक की मृत्यु कोविड-19 महामारी के संक्रमण से 01 मार्च 2020 को या इसके बाद हुयी हो, के भरण-पोषण, शिक्षा, चिकित्सा आदि की व्यवस्था

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स्वैच्छिक अंशदान

आप कैसे मदद कर सकते हैं? How Could You Help?

समिति खाता क्यूआर कोड स्कैन करके और सामाजिक सहायता और वित्तीय दान की पेशकश करके अपने प्रियजनों को प्रेरित करें।

Become an volunteer

हम अपनी उभरती टीम में जोशीले और समर्पित स्वयंसेवकों का स्वागत करने के लिए सदैव उत्सुक और उत्सुक बने हुए हैं।

Quick Fundraising

उन सभी बच्चों की मदद की जाएगी जिनके माता पिता की मृत्यु कोरोनावायरस संक्रमण के कारण हो गई है।

स्वयंसेवकों और आपका एक लक्ष्य

हमारा मिशन हमारे सभी कार्य कार्यक्रमों में बच्चों के अधिकारों के एजेंडे को बढ़ावा देना है ताकि उन्हें अपनी पूरी क्षमता हासिल करने के अवसरों को पूरा करने में मदद मिल सके।

स्वयंसेवक के रूप में भाग लेना चाहते हैं

हमारा मानना है कि अच्छे इरादों और मदद करने वाले हाथों की कोई कमी नहीं है।

एक स्वयंसेवक बनें

हमारे साथ स्वयंसेवकों और आपका एक लक्ष्य - सभी के लिए बेहतर - के साथ एकजुट लोगों का एक शक्तिशाली आंदोलन में शामिल हो जायेंगे।

स्वयंसेवक के रूप में

यदि आपके पास सकारात्मक इरादे और व्यावसायिक कौशल हैं, तो यहां बताया गया है कि कैसे सैल्यूटरी इंडिया आपके लिए अच्छा प्रदर्शन करने का स्थान हो सकता है।

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Our Volunteers

Meet With Volunteers

अखिल भारतीय पिछड़ा वर्ग संघ, भारत एवं ओ.बी.सी. संयोजन समिति , छत्तीसगढ़ के मुख्य पदाधिकारी स्वयंसेवक

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इंद्र कुमार चंदापुरी
राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिल भारतीय पिछड़ा वर्ग संघ
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टिकेश्वर अभिनव सिंह
प्रदेश कार्यकारी अध्यक्ष
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अधिवक्ता शत्रुहन सिंह साहू
संस्थापक ओबीसी सयोजन समिति छत्तीसगढ़
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Testimonials
जब तक समान हिस्सेदारी और ओबीसी सुरक्षा कानून लागू करने, ओबीसी वर्ग को जनसंख्या के अनुपात में 52% हिस्सेदारी देने, निजीकरण व क्रीमीलेयर को खत्म करने का जनमत नहीं बनेगा, कोई सुधार नही होगा।.

शत्रुहण सिंह साहू

संस्थापक ओ.बी.सी. संयोजन समिति
आरक्षण का मतलब जानिए आरक्षण का संबंध योग्यता से नहीं है हिस्सेदारी से है जो लोग आरक्षण का विरोध करते हैं क्या वह अपने परिवार में संपत्ति का बंटवारा योग्यता के आधार पर करते हैं या फिर संख्या के आधार पर.

टिकेश्वर अभिनव सिंह

अध्यक्ष ओ.बी.सी. संयोजन समिति
आइये हम भी तन-मन-धन-समय और सभी संभव सापनों के साथ सहयोग व समर्थन देकर ओबीसी आंदोलन को मजबूती प्रदान करते हुए एकजुट होबे और अखिल भारतीय पिछड़ा वर्ग संघ भारत से संबद्ध ओ. बी. सी. (अन्य पिछड़ा वर्ग) संयोजन समिति छत्तीसगढ़ द्वारा सामाजिक न्याय की स्थापना .

इन्द्रकुमार चंदापुरी

अध्यक्ष अखिल भारतीय पिछड़ा वर्ग संघ
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ओबीसी साथियों

जय ओबीसी, जय छत्तीसगढ़

आजादी के 76 साल बाद भी ओबीसी समाज को समान हिस्सेदारी एवं सामाजिक सुरक्षा क्यों नही ?

जिस ओबीसी वर्ग से देश का प्रधानमंत्री व प्रदेश का मुख्यमंत्री आते हैं, उसी आधी से अधिक आबादी वाले उत्पादक ओ.बी.सी. (अन्य पिछड़ा वर्ग) समाज को दुनिया के सबसे बड़े लोकतांत्रिक देश में आजादी के 76 वर्ष बाद भी न्यायोचित अधिकार व हक नहीं मिल पाना दुर्भाग्यपूर्ण है। .

आज छत्तीसगढ़ की पृष्ठभूमि में ही नजर डालें, तो पाएंगे कि 5% से भी कम जनसंख्या वालों को लोकतंत्र के चारों स्तंभों में एकाधिकार है, वही 52% आबादी वाले ओबीसी समाज का न्यायपालिका, कार्यपालिका, विधायिका, मीडिया, उच्च शैक्षिक संस्थान, औद्योगिक क्षेत्र, प्रशासनिक ऑफिसर आदि क्षेत्रों व पदों पर 5% का भी अधिकार नहीं है, और जो थोड़ी बहुत अपने कठोर परिश्रम से प्राप्त कर पायें हैं उसे भी निजीकरण और क्रीमीलेयर लगाकर ओबीसी वर्ग को सेवा के अवसरों से वंचित किया जा रहा है, जिसके कारण बढ़ती बेरोजगारी से ओबीसी के युवाओं का भविष्य तबाह हो रहा है।.

उसके बाद भी ओबीसी के सामाजिक व राजनीतिक जनप्रतिनिधियों के द्वारा निजीकरण व भेदभाव पूर्ण क्रीमीलेयर का विरोध क्यों नही किया जाता है ? इसका एकमात्र कारण ओबीसी समाज का जातिगत विभाजन और ओबीसी के प्रतिनिधियों का राजनीतिक तौर पर मानसिक गुलामी है। जिसे हम जागरूक और एकजुट होकर संगठित प्रयासों से अपने वोटों और नोटों के सही इस्तेमाल से दूर कर सकते है। जब तक समान हिस्सेदारी और ओबीसी सुरक्षा कानून लागू करने, ओबीसी वर्ग को जनसंख्या के अनुपात में 52% हिस्सेदारी देने, निजीकरण व क्रीमीलेयर को खत्म करने का जनमत नही बनेगा, कोई सुधार नही होगा। तो आइये हम भी तन-मन-धन-समय और सभी संभव साधनों के साथ सहयोग व समर्थन देकर ओबीसी आंदोलन को मजबूती दे, एकजुट होवें और अखिल भारतीय पिछड़ा वर्ग संघ से संबद्ध ओ.बी.सी. (अन्य पिछड़ा वर्ग) संयोजन समिति छत्तीसगढ़ द्वारा सामाजिक न्याय की स्थापना हेतु चलाए जा रहे "आजादी का दूसरा संघर्ष-ओबीसी जनजागरण महाअभियान" को सफल बनायें तया प्रत्येक गांव में ओबीसी समाज का गठन कर तमाम सामाजिक और राजनीतिक लोगों को एक मंच पर लाकर अपने हक और अधिकार के लिए संघर्ष को गति प्रदान करें, ताकि अपने बच्चों को बेरोजगारी के अभिशॉप से बचाया जा सके।.

Welcome To Save Life And Make A Positive Impact

Only when the society comes together and contributeswe will be able to make an impact.

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