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अखिल भारतीय पिछड़ा वर्ग संघ से संबद्ध ओबीसी संयोजन समिति, छत्तीसगढ़ का राज्य में प्रथम बार ओबीसी का इतिहास, मान-सम्मान, मांगो का अधिकार दिलाने के लिए समिति के सदस्यों द्वारा प्रशिक्षण कार्य संपन्न किया गया।

समिति के सभी लोग उपास्थि हुए।

आज छत्तीसगढ़ की पृष्ठभूमि में ही नजर डालें, तो पाएंगे कि 5% से भी कम जनसंख्या वालों को लोकतंत्र के चारों स्तंभों में एकाधिकार है, वही 52% आबादी वाले ओबीसी समाज का न्यायपालिका, कार्यपालिका, विधायिका, मीडिया, उच्च शैक्षिक संस्थान, औद्योगिक क्षेत्र, प्रशासनिक ऑफिसर आदि क्षेत्रों व पदों पर 5% का भी अधिकार नहीं है, और जो थोड़ी बहुत अपने कठोर परिश्रम से प्राप्त कर पायें हैं उसे भी निजीकरण और क्रीमीलेयर लगाकर ओबीसी वर्ग को सेवा के अवसरों से वंचित किया जा रहा है, जिसके कारण बढ़ती बेरोजगारी से ओबीसी के युवाओं का भविष्य तबाह हो रहा है।.

उसके बाद भी ओबीसी के सामाजिक व राजनीतिक जनप्रतिनिधियों के द्वारा निजीकरण व भेदभाव पूर्ण क्रीमीलेयर का विरोध क्यों नही किया जाता है ? इसका एकमात्र कारण ओबीसी समाज का जातिगत विभाजन और ओबीसी के प्रतिनिधियों का राजनीतिक तौर पर मानसिक गुलामी है। जिसे हम जागरूक और एकजुट होकर संगठित प्रयासों से अपने वोटों और नोटों के सही इस्तेमाल से दूर कर सकते है। जब तक समान हिस्सेदारी और ओबीसी सुरक्षा कानून लागू करने, ओबीसी वर्ग को जनसंख्या के अनुपात में 52% हिस्सेदारी देने, निजीकरण व क्रीमीलेयर को खत्म करने का जनमत नही बनेगा, कोई सुधार नही होगा। तो आइये हम भी तन-मन-धन-समय और सभी संभव साधनों के साथ सहयोग व समर्थन देकर ओबीसी आंदोलन को मजबूती दे, एकजुट होवें और अखिल भारतीय पिछड़ा वर्ग संघ से संबद्ध ओ.बी.सी. (अन्य पिछड़ा वर्ग) संयोजन समिति छत्तीसगढ़ द्वारा सामाजिक न्याय की स्थापना हेतु चलाए जा रहे "आजादी का दूसरा संघर्ष-ओबीसी जनजागरण महाअभियान" को सफल बनायें तया प्रत्येक गांव में ओबीसी समाज का गठन कर तमाम सामाजिक और राजनीतिक लोगों को एक मंच पर लाकर अपने हक और अधिकार के लिए संघर्ष को गति प्रदान करें, ताकि अपने बच्चों को बेरोजगारी के अभिशॉप से बचाया जा सके।.

हमारा उदेश्य सामाजिक न्याय की स्थापनाजनजागरण अभियान -- ओबीसी संयोजन समिति


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  • ओबीसी समाज को जब तक समान हिस्सेदारी नही प्राप्त होती तब तक देश मे गैर बराबरी और शोषण फलता फूलता रहेगा। इसलिए सभी ओबीसी समाज को जातीय बन्धन तोड़कर ओबीसी हित की रक्षा हेतु एक हो जाना चाहिए।

  • संविधानिक हक की लड़ाई ही सामाजिक जागृति है ✊✊✊✊

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