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उच्च शिक्षा प्राप्त करने के लिए अमेरिका जाने की यात्रा स्थगित कर दी थी उन्होंने सर्वप्रथम पिछड़ा वर्ग (बैकवर्ड क्लासिस) दो शब्दों को हिंदी में परिभाषित किया था जिसे संविधान में संलग्न किया गया और फिर बाद में यह दो शब्द भारत के गांव-गांव में विख्यात हो गए। सन 1948 में चंदा पुरी जी ने संविधान निर्मात्री परिषद के अध्यक्ष डॉ बी आर अंबेडकर से दिल्ली में उनके निवास स्थान पर भेंट की फल स्वरुप संविधान में 340 वीं धारा का समावेश हुआ उसी धारा के तहत राष्ट्रपति द्वारा सन् 1953 में पिछड़ा वर्ग आयोग को काका कालेलकर आयोग के नाम से भी जाना जाता है कि नियुक्ति हुई सन 1949 में तत्कालीन शिक्षा मंत्री मौलाना अबुल कलाम आजाद से भेंट की और उसी वर्ष से पिछड़ी जाति के छात्रों की छात्रवृत्ति के लिए सरकारी रकम करवा दी

वर्ग आयोग ने पिछड़ी जातियों के उन्नयन संबंधी सिफारिशें सरकार को सुपुर्द की तो उसी वर्ष 24 अक्टूबर को त्यागमूर्ति आर एल चन्दापुरी प्रधानमंत्री पंडित जवाहरलाल नेहरू से मिले करीब 50 मिनट के वार्तालाप के फल स्वरुप पंडित नेहरू ने आर एल चन्दापुरी जी को आयोग की सिफारिशों को शीघ्र ही सरकार द्वारा लागू करने का आश्वासन दिया लेकिन सरकार ने ऐसा नहीं किया और पिछड़े वर्ग को राष्ट्र की मुख्यधारा से जोड़ने से वंचित कर दिया इस पर प्रधानमंत्री पंडित जवाहरलाल नेहरू और आर एल चन्दापुरी जी के बीच विभेद पैदा हो गया, विस्तार में "नेहरू बनाम चन्दापुरी" पुस्तक में उपलब्ध है

हमारा उदेश्य सामाजिक न्याय की स्थापनाजनजागरण अभियान -- ओबीसी संयोजन समिति


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  • ओबीसी समाज को जब तक समान हिस्सेदारी नही प्राप्त होती तब तक देश मे गैर बराबरी और शोषण फलता फूलता रहेगा। इसलिए सभी ओबीसी समाज को जातीय बन्धन तोड़कर ओबीसी हित की रक्षा हेतु एक हो जाना चाहिए।

  • संविधानिक हक की लड़ाई ही सामाजिक जागृति है ✊✊✊✊

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