Date
25-06-20 19:17:59
योग क्या है ? जब आप अपने शरीर को उनकी असीमित क्षमताओं के अनुसार अभ्यास करते हैं यही योग है क्योंकि मनुष्य को नहीं मालूम कि उनकी क्षमता शारीरिक और मानसिक कितनी है योगाभ्यास से हम अपनी शारीरिक और मानसिक क्षमता को बढ़ाते हैं।
और आओ योगा डे 21 जून 2025 पर अपने को योग पावर बनाएं..
### योग: शरीर और मन की असीमित क्षमताओं को उजागर करना
*योग क्या है?*
योग वह अभ्यास है जिसमें शरीर और मन की असीमित क्षमताओं को अनुशासित व्यायाम के माध्यम से उपयोग में लाया जाता है। अधिकांश लोगों को अपनी शारीरिक और मानसिक क्षमताओं की वास्तविक सीमा का पता नहीं होता। योग, अपनी व्यवस्थित प्रथाओं के माध्यम से, इन क्षमताओं को विस्तारित करता है और शरीर, मन, और आत्मा के बीच सामंजस्य स्थापित करता है। 21 जून 2025 को अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस के अवसर पर, आइए हम योग को अपनाकर अपनी शक्ति को उजागर करें।
*योग का वैज्ञानिक आधार*
आधुनिक विज्ञान योग की शारीरिक और मानसिक क्षमताओं को बढ़ाने की क्षमता को प्रमाणित करता है। फ्रंटियर्स इन इम्यूनोलॉजी (2023) के शोध के अनुसार, योग तनाव हार्मोन (कोर्टिसोल) को 20% तक कम करता है, जिससे मानसिक स्पष्टता और भावनात्मक लचीलापन बढ़ता है। आसन और प्राणायाम जैसी प्रथाएँ न्यूरोप्लास्टिसिटी को बढ़ावा देती हैं, जैसा कि नेचर रिव्यूज न्यूरोसाइंस (2023) में उल्लेख किया गया है, जिससे मस्तिष्क में नए तंत्रिका कनेक्शन बनते हैं और स्मृति व एकाग्रता जैसे संज्ञानात्मक कार्यों में सुधार होता है।
शारीरिक रूप से, योग लचीलापन, ताकत, और हृदय स्वास्थ्य को बेहतर बनाता है। जर्नल ऑफ स्पोर्ट्स साइंस (2024) के एक अध्ययन में पाया गया कि नियमित योग अभ्यास मांसपेशियों की सहनशक्ति को 15% तक बढ़ाता है और हृदय गति परिवर्तनशीलता को बेहतर करता है, जो तनाव प्रबंधन में सुधार का संकेत देता है। अनुलोम-विलोम और भ्रामरी जैसे प्राणायाम तकनीकें कोशिकाओं तक ऑक्सीजन की आपूर्ति बढ़ाती हैं, ऑक्सीडेटिव तनाव को कम करती हैं और कोशिका पुनर्जनन का समर्थन करती हैं (बायोइलेक्ट्रोमैग्नेटिक्स, 2023)। यह इस अवधारणा के अनुरूप है कि शरीर की कोशिकाएँ निरंतर परिवर्तन में रहती हैं, और योग उनके इष्टतम कार्य को बढ़ावा देता है।
*योग और असीमित क्षमता*
मानव शरीर और मन स्थिर नहीं हैं; वे अभ्यास के साथ विकसित होते हैं। योग इस गतिशील क्षमता को शारीरिक गतिविधियों को माइंडफुलनेस के साथ जोड़कर उजागर करता है। उदाहरण के लिए, सूर्य नमस्कार और वृक्षासन जैसे आसन मांसपेशियों को मजबूत करते हैं और संतुलन में सुधार करते हैं, जबकि ध्यान और माइंडफुलनेस प्रथाएँ मानसिक दृढ़ता को बढ़ाती हैं। द लैंसेट साइकियाट्री (2023) के अनुसार, नियमित योग करने वालों में चिंता और अवसाद के लक्षण 30% तक कम होते हैं, जिससे वे मानसिक बाधाओं को पार कर पाते हैं।
*योग दिवस पर आह्वान*
इस अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस पर, आइए हम नियमित योग अभ्यास के लिए प्रतिबद्ध हों और अपनी असीमित क्षमताओं को उजागर करें। आसन, प्राणायाम, और ध्यान को अपने दैनिक जीवन में शामिल करके हम अपनी शारीरिक ताकत, मानसिक स्पष्टता, और भावनात्मक कल्याण को बढ़ा सकते हैं। योग केवल एक व्यायाम नहीं है; यह आत्म-खोज और परिवर्तन का एक वैज्ञानिक मार्ग है। आइए योग को अपनी शक्ति बनाएँ और एक स्वस्थ, अधिक जीवंत जीवन को अपनाएँ!
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यह संक्षिप्त लेख योग की दार्शनिक अवधारणा को वैज्ञानिक आधार के साथ जोड़ता है, जो अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस 2025 के लिए प्रासंगिक है।
जिस प्रकार से 10 परसेंट आरक्षण को पलक झपकते लागू कर दिया गया आज दसको बीत गए ओबीसी आरक्षण 27 परसेंट लागू नहीं हो सका जबकि वर्तमान में राज्य एस टी,ओबीसी केंद्र एवं राज्य सरकार में बैठे हुए हैं उम्मीद है कि यह 27 परसेंट आरक्षण बहुत जल्द ओबीसी समुदाय राष्ट्रीय एवं राज्य लेवल पर लागू किया जाएगा बहुत-बहुत धन्यवाद 21 जून 2025 योग दिवस पर आप सभी को साहू परिवार की ओर से समस्त देशवासियों को योग दिवस पर बहुत बहुत शुभकामनाएं जय हिंद जय भारत।
जिस प्रकार से 10 परसेंट आरक्षण को पलक झपकते लागू कर दिया गया आज 10 को बीत गए ओबीसी आरक्षण 27 परसेंट लागू नहीं हो सका जबकि वर्तमान में स्ट एससी ओबीसी केंद्र एवं राज्य सरकार में बैठे हुए हैं उम्मीद है कि यह 27 परसेंट आरक्षण बहुत जल्द ओबीसी समुदाय राष्ट्रीय एवं राज्य लेवल पर लागू किया जाएगा बहुत-बहुत धन्यवाद 21 जून 2025 योग दिवस पर आप सभी को साहू परिवार की ओर से समस्त देशवासियों को योग दिवस पर बहुत बहुत शुभकामनाएं जय हिंद जय भारत।