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"राजा नहीं फकीर हैं, 
देश की तकदीर हैं।"

ओबीसी समाज को मंडल कमीशन के द्वारा हक अधिकार दिलाने वाले सामाजिक न्याय के मसीहा,भारत के पूर्व प्रधानमंत्री श्री विश्वनाथ प्रताप सिंह के जन्मदिवस दिवस पर विनम्र आदरांजली एवं शत-शत नमन ......
(25जून1931 - 27नवंबर2008)
सामाजिक न्याय का अचर्चित मसीहा- वीपीसिंह  की जयंती पर नमन !
आज पूर्व पीएम वीपी की जयंती है, एक लगभग भुला दिए गए सामाजिक न्याय के नायक की!
1-  वीपी छोटी सी रियासत के राजा थे पर विनोबा भावे के भूदान मूवमेंट में अपनी कोठी व हज़ारों बीघा ज़मीन दान कर दी।
2-   वीपी पहले पहल कांग्रेंसी बने, UP के सीएम रहे फिर सेंटर में कोमर्स डिफ़ेंस व फ़ायनेंस के मिनिस्टर रहे। वीपी एज ए फ़ाइनेंस मिनिस्टर 15-17घंटे काम करते थे। उनकी चटाई पर पाँव फैला कर काम करने की आदत थी अक्सर लंच व डिनर का टिफ़िन उनकी पत्नी जो कि राजस्थान से हैं ,महकमें मे देकर आती। वीपी सिंसीयर डेडिकेटेड ओर ओनेस्ट मिनिस्टर थे। अंबानी के ऐतराज़ से वो वित्तमंत्री हटे ओर डिफ़ेंस में गए डिफ़ेंस में बोफ़ोर्स की चोरी पकड़ने के कारण कांग्रेस के साथ उनका सफ़र पूरा हो गया।
3-   1989 के आम चुनाव के नायक वीपी ही थे राजा नही फ़क़ीर है देश की तक़दीर है के नारे पर सवार वीपी ने राजीव के 450के बहुमत की सरकार को सत्ता से बाहर कर दिया। उस इलेक्शन के बाद कांग्रेंस आज तक दो तिहाई बहुमत को तरस रही है। खैर वीपी ने वो इलेक्शन कार व बुलट बाईक पर लड़ा लोगों ने हेलिकॉप्टर इस्तेमाल करने के लिए कहा तो बोले चुनाव बहुत खर्चीला हो जाएगा यह लोकतंत्र के लिए ठीक नहीं है।
4-   वीपी का प्रधानमंत्री का साल भर का काल दो हिस्टोरिक कारणों से याद रहेगा।
पहला वर्षों से दबे कुचले पीड़ित वर्ग को रिज़र्वेशन मंडल आयोग की सिफ़ारिशें लागू करके। इस ऐतिहासिक फ़ैसले से एक झटके में भारत की 50फीसदी आबादी सरकारी नौकरी व सियासत की मुख्यधारा में शामिल हो गयी। यह सामाजिक न्याय के सवाल पर एक ज़बरदस्त क्रांति थी बरसो तक स्थाई सत्ताधारी थे उनको तकलीफ होनी ही थी वीपी को क़ीमत चुकाना ही थी उनकी PM की कुर्सी चली गई । वीपी बोले 'दलित भाईयो पिछड़े भाईयो तुम्हारे समर्थन से बहुत लोगों ने कुर्सी पाई है मैं पहला हूँ जो कुर्सी गँवा रहा है। भारत में वीपी के बाद ही पिछड़ा वर्ग की लीडरशिप राष्ट्रीय फलक पर आई फिर पार्टी चाहे कोई हो।

दूसरा आज़ादी के 50साल तक किसी सरकार ने यह फ़ैसला नही किया डाक्टर अंबेडकर को भारत रत्न देने का । हालाँकि वो भारत रत्न से पहले भी भारत माता के रत्न ही थे, पर वीपी इस ऐतिहासिक फ़ैसले के श्रैय के हक़दार तो है ही।

5-   वीपी पहले व्यक्ति है भारत के लोकतांत्रिक इतिहास के जिन्होंने सन 96 में PM के पद को ठुकरा दिया। वीपी को संयुक्त मोर्चे ने आमसहमति से चुना था।सत्ता लोभ से ऐसी वितृष्णा रेयर है।
6-    वीपी बाद के दिनों में गंभीर बीमार रहने लगे। सप्ताह में तीन बार डायलिसिस पर।लेकिन पब्लिक के प्रति  असल कमिटमेंट या मौहब्बत क्या होती है यह उन दिनों में उनके व्यवहार से झलका। जगमोहन ने दिल्ली में ग़रीबों की झुग्गियाँ तोड़ दी। वीपी भयंकर बीमार हालात में झुग्गी वालों के लिए लड़ने लगे। जब जीवन का संध्याकाल निकट हो अगली साँस का भी भरोसा ना हो तब भी कोई लड़े  तो दिल संवेदना ओर  सम्मान से भर उठता है। मज़े की बात है वीपी अपनी ही बिरादरी में नायक नही खलनायक हैं। हालाँकि इसमें कुछ आश्चर्य कि बात नहीं है क्यूँकि वहां अब अधिकांश तबक़ा अपराधिक क़िस्म के कट्टर जातिवादी व असभ्य नमूनों का फेन है।
खैर दुनिया में जब भी सामाजिक न्याय के नायकों का नाम लिखा जाएगा तो वीपी पहली पंक्ति में होंगे।
जयंती पर नमन! #VPSingh
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  • जिस प्रकार से 10 परसेंट आरक्षण को पलक झपकते लागू कर दिया गया आज दसको बीत गए ओबीसी आरक्षण 27 परसेंट लागू नहीं हो सका जबकि वर्तमान में राज्य एस टी,ओबीसी केंद्र एवं राज्य सरकार में बैठे हुए हैं उम्मीद है कि यह 27 परसेंट आरक्षण बहुत जल्द ओबीसी समुदाय राष्ट्रीय एवं राज्य लेवल पर लागू किया जाएगा बहुत-बहुत धन्यवाद 21 जून 2025 योग दिवस पर आप सभी को साहू परिवार की ओर से समस्त देशवासियों को योग दिवस पर बहुत बहुत शुभकामनाएं जय हिंद जय भारत।

  • जिस प्रकार से 10 परसेंट आरक्षण को पलक झपकते लागू कर दिया गया आज 10 को बीत गए ओबीसी आरक्षण 27 परसेंट लागू नहीं हो सका जबकि वर्तमान में स्ट एससी ओबीसी केंद्र एवं राज्य सरकार में बैठे हुए हैं उम्मीद है कि यह 27 परसेंट आरक्षण बहुत जल्द ओबीसी समुदाय राष्ट्रीय एवं राज्य लेवल पर लागू किया जाएगा बहुत-बहुत धन्यवाद 21 जून 2025 योग दिवस पर आप सभी को साहू परिवार की ओर से समस्त देशवासियों को योग दिवस पर बहुत बहुत शुभकामनाएं जय हिंद जय भारत।

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